मौसम मौसम
भेज दें ए ख़ुदा जिंदगी की ख़ुशी और ख़ुशी की नहीं बेदिली चाहिए भेज दें ए ख़ुदा जिंदगी की ख़ुशी और ख़ुशी की नहीं बेदिली चाहिए
इश्क की महफिल सजी है इन नैनों में उतर आओ। इश्क की महफिल सजी है इन नैनों में उतर आओ।
वो रोज रोज़ गुलाब भेजता था मुझे, कहता था इश्क है कबूल कर लो मुझे। फूल देखो मेरे और फ़िर तुम बोलो... वो रोज रोज़ गुलाब भेजता था मुझे, कहता था इश्क है कबूल कर लो मुझे। फूल देखो म...
पथरा जातीं हैं धरती की आँखें, उसके होठों पर पपड़ी जम जाती है... पथरा जातीं हैं धरती की आँखें, उसके होठों पर पपड़ी जम जाती है...
अलाव की आग भी बुझी-बुझीसी रहती है... अलाव की आग भी बुझी-बुझीसी रहती है...